कुम्भ नगरी हरिद्वार से ‘‘कुम्भ-दर्शनम्’’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन हिन्दी एवं संस्कृत भाषा में किया जा रहा है। निश्चित ही एक पवित्र विचार से पत्रिका में तीर्थ नगरी हरिद्वार के इतिहास एवं हरिद्वार में आयोजित ऐतिहासिक कुम्भ मेले के विषय में व्यापक जानकारियों का समावेश निहित है। ‘‘कुम्भ-दर्शनम्’’ मासिक पत्रिका कुम्भ नगरी हरिद्वार के जीवन मूल्यों पर आधारित एवं अध्यात्म पोषित है, ऋषि-मुनियों की तपस्थली एवं हमारे देश की प्राचीन एवं मूल भाषा के संरक्षण का विचार भी इसमें समाहित है। इसके द्वारा आज की युवा पीढ़ी को सम्पूर्ण भारत एवं देव भूमि उत्तराखंड की इस सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहर के सन्निकट पहुँचने का अवसर प्राप्त होगा। पत्रिका अपने उद्देश्य मंे सफलता हेतु सम्पादक मण्डल द्वारा उपयुक्त विषय को दृष्टिगत रखते हुये इसमें अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों का समावेश कर इसे पठनीय एवं लाभप्रद बनाने के लिए प्रयासरत है।
कुम्भदर्शनम की इस वेबसाइट के माध्यम से हमारा प्रयास है की हम हिन्दू संस्कृति से जुड़े अनछुए पहलुओं को अपने पाठको तक पहुचाये और हमारे धर्म में क्या वास्तविकताएं है, और क्या मिथ्या? यह अपने पाठको को बताये। साथ ही हमारा ध्यान यह भी रहता है की हमारा जो इतिहास है वह अपने पाठको तक पहुंचाया जाए, क्यूंकि हमारे इतिहास को बाह्य ताकतों ने बदलने की कोशिश की है, हमारी टीम निरंतर सच को ढूंढती रहती है, और उसे अपने पाठको तक पहुँचती है.
कार्यालय का पता
शिव पुरी, कनखल
हरिद्वार, उत्तराखंड
Email : kumbhdarshanam@gmail.com
हमारी टीम
बालकृष्ण शास्त्री जी ने धर्मनगरी हरिद्वार में अध्यात्म का अध्ययन करते हुए, समाज सेवा को अपना ध्येय बनाया। बालकृष्ण जी "कुम्भ दर्शनम" मासिक पत्रिका प्रकाशित करते है, और वे एक वरिष्ठ पत्रकार है। शास्त्री जी अपने अध्ययन और अनुभवों को अपनी लेखनी के माध्यम से पाठको तक पहुंचाते है।
हमारे लेखक
पत्रकरिता के क्षेत्र में अध्ययन करने के पश्चात सुशिल राय जी ने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ रहे युवाओ को मार्गदर्शन देने के निर्णय लिया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद सुशिल जी अब पत्रकारिता के क्षेत्र में अध्यापन का कार्य कर रहे है, और अपनी लेखनी से पाठको को कई रोचक विषयो से अवगत करा रहे है।
डॉ. शिवओम आचार्य एक सुप्रसिद्ध योगगुरु हैं। जिन्हें योग के क्षेत्र में लगभग दस वर्षों का अनुभव प्राप्त है। आप देश के सर्वश्रेष्ठ आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स, नई दिल्ली में योग चिकित्सक के पद पर कार्यरत रह चुके हैं तथा वर्तमान में शारदा विश्वविद्यालय, गौतमबुद्ध नगर में योग के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। आपके लेखन एवं सत्रों में योग एवं विज्ञान का भरपूर समायोजन दृष्टिगत होता है, जिनके माध्यम से आप योग के मूल स्वरूप को पुनर्स्थापित करने हेतु प्रयासरत हैं।